Published On Sep 27, 2023
यीशु मसीह, जिन्हें आमतौर पर सिर्फ "यीशु" भी कहा जाता है, एक प्रमुख धार्मिक और सामाजिक व्यक्ति थे और उन्हें ईसाई धर्म के महान आध्यात्मिक गुरु और उपास्य देवता के रूप में माना जाता है। वे ईसाई धर्म के मसीह (Messiah) के रूप में प्रतिपादित होते हैं, जिनका आगमन ईसाई कल्पना के अनुसार मसीही काल में हुआ था।
यीशु का जन्म ईसा पूर्व के कुछ वर्षों के आस-पास माना जाता है, और वे बेथलेहम, जुदीया के एक छोटे से गाँव में पैदा हुए थे। उनके जीवन का कई महत्वपूर्ण प्रमाण सामग्री में मिलते हैं, जैसे कि बाइबल, जिसमें उनके जीवन, उपदेश, और काम का विवरण होता है।
यीशु के जीवन के कुछ मुख्य प्रमाण शास्त्रों के माध्यम से ज्ञात हैं, जैसे कि उनके उपदेश, चित्रित घटनाएं जैसे कि उनका क्रूसीफिक्सन (विचारणीय रूप में ये बात कही जा सकती है कि वे क्रूस पर छद्म थे), और उनके उपदेश के संकेत। यीशु के उपदेशों का मुख्य बिन्दु द्वेष, हिंसा के खिलाफ प्रेम, दया, और सहमति का प्रचार करना था, और उन्होंने अपने अनुयायियों को भगवान के आगमन की घोषणा की थी।
यीशु की मृत्यु के बाद, उनके उपदेशों का प्रचार और उनके जीवन की कथाएं बाइबल और अन्य धार्मिक ग्रंथों में लिखी गई हैं और वे ईसाई धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। वे एक महान धार्मिक और आध्यात्मिक प्रेरणा स्रोत के रूप में दुनिया भर में माने जाते हैं और उनका उपदेश आज भी बड़े धार्मिक समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है।
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