Published On Jul 23, 2022
[19.04.2022] फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट. वर्चुअल दुनिया में हर कोई खुद को सबसे अच्छा दिखाना चाहता है. लेकिन दूसरों की स्वीकृति पाने की चाह एक लत बन सकती है. सोशल नेटवर्क जिस तरह काम करते हैं, वे आपको गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. खासकर आसानी से प्रभावित होने वाले युवाओं को.
हम फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया पर घंटों बिताते हैं. हम उनके अनकहे वादों के जाल में फंस गए हैं कि वे हमें अपना नजरिया, बल्कि अपनी पूरी जिंदगी ही पूरी दुनिया के साथ साझा करने में हमारी मदद करेंगे.
इस वर्चुअल दुनिया में हर कोई ख़ुश है. हर किसी के पास एक शानदार शरीर है. वह एक फैंसी घर में रहता है और उसके आसपास सुंदर लोग हैं. हर कोई ख़ुद को ख़ास दिखाता है और दूसरों को लेकर अपनी राय देता है.
लेकिन मान्यता पाने की यह लगातार कोशिश जल्द ही एक लत बन सकती है. इसके नतीजे मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं. युवा सबसे ज्यादा संवेदनशील होते हैं. इस डॉक्यूमेंट्री में सोशल नेटवर्कों के खुशियों की तानाशाही के असल खतरे साफ दिखते हैं. यह डॉक्यूमेंट्री आपको कुछ युवा पीड़ितों से रूबरू कराती है.
डैनी 14 साल के थे, जब उन्होंने फेसबुक पर अपनी पहली सेल्फी पोस्ट की थी. लेकिन उन्हें ज्यादा लाइक्स नहीं मिले. तो पहचान की भूख में वह और तस्वीरें पोस्ट करते गए. जल्द ही वह एक दिन में सैकड़ों सेल्फी पोस्ट कर रहे थे. उन्होंने अपने शरीर को ख़ास तरीके से ढालने के लिए खाना बंद कर दिया और 12 किलोग्राम वजन घटाया. फिर उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया और छह महीने घर में ही रहे. उन्होंने मान लिया था कि वह इतने बदसूरत हैं कि लोग उनसे डर जाएंगे. हताशा में उन्होंने खुदकुशी की भी कोशिश की. यह सब तब तक चला, जब तक स्वस्थ होने के लिए डैनी सभी "सोशल मीडिया" से पूरी तरह हट नहीं गए.
उनकी कहानी अतिशयोक्ति लग सकती है, लेकिन "लाइक" के आविष्कार और आत्म-प्रचार की अवधारणा से, जिसमें दूसरों की पुष्टि को आधार माना जाता है, सोशल नेटवर्क हमारे व्यवहार को बदल रहे हैं. 22 साल की मरी के 4,922 फॉलोअर्स हैं और उनके सब्सक्राइबर्स की निराशा उनकी सबसे बड़ी चिंता है. वह हफ़्ते में एक दिन पेरिस के अपने शानदार जीवन की छवि को और बेहतर बनाने में बिताती हैं. वह अपने मेकअप पर घंटों बिताती हैं और पोस्ट करने लायक एक तस्वीर की खोज में सैकड़ों तस्वीरें लेती हैं. कैमरे के सामने वह रो पड़ती हैं और कबूल करती हैं कि वह अपने आप को कितना कमजोर महसूस करती हैं और पसंद किए जाने के लिए कितनी बेचैन हैं.
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